नए ड्रेस में इठलाती,
वो सुन्दर नन्हीं-सी लड़कीl
चौराहे पर झूमती गाती,
भाग-भागकर चलती लड़कीl
छोटा फ्रॉक पहनती,
लड़कों के संग खेलती लड़कीl
भाई-बहनों से झगड़ती,
लड़ाकी चतुर सयानी लड़कीl
चंचल नटनी-सी लगती,
मटक-मटककर चलती लड़कीl
पेड़ों से आम चुराती,
बेपरवाह-सी घूमती लड़कीl
दो चोटी में स्कूल जाती,
नदी पहाड़ खेलती लड़कीl
वो पनघट से पानी लातीं,
बाबा संग लड़ियाती लड़कीl
वो सबसे बतियाती,
खिल-खिल करके हंसती लड़कीl
अब दिखाई नहीं देती,
जाने कहाँ खो गई वो लड़की?
शायद जमाने की निगाहों में आ गई,
लगता है बड़ी हो गई है लड़कीl
#सुषमा दुबे
परिचय : साहित्यकार ,संपादक और समाजसेवी के तौर पर सुषमा दुबे नाम अपरिचित नहीं है। 1970 में जन्म के बाद आपने बैचलर ऑफ साइंस,बैचलर ऑफ जर्नलिज्म और डिप्लोमा इन एक्यूप्रेशर किया है। आपकी संप्रति आल इण्डिया रेडियो, इंदौर में आकस्मिक उद्घोषक,कई मासिक और त्रैमासिक पत्र-पत्रिकाओं का सम्पादन रही है। यदि उपलब्धियां देखें तो,राष्ट्रीय समाचार पत्रों एवं पत्रिकाओं में 600 से अधिक आलेखों, कहानियों,लघुकथाओं,कविताओं, व्यंग्य रचनाओं एवं सम-सामयिक विषयों पर रचनाओं का प्रकाशन है। राज्य संसाधन केन्द्र(इंदौर) से नवसाक्षरों के लिए बतौर लेखक 15 से ज्यादा पुस्तकों का प्रकाशन, राज्य संसाधन केन्द्र में बतौर संपादक/ सह-संपादक 35 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है। पुनर्लेखन एवं सम्पादन में आपको काफी अनुभव है। इंदौर में बतौर फीचर एडिटर महिला,स्वास्थ्य,सामाजिक विषयों, बाल पत्रिकाओं,सम-सामयिक विषयों,फिल्म साहित्य पर लेखन एवं सम्पादन से जुड़ी हैं। कई लेखन कार्यशालाओं में शिरकत और माध्यमिक विद्यालय में बतौर प्राचार्य 12 वर्षों का अनुभव है। आपको गहमर वेलफेयर सोसायटी (गाजीपुर) द्वारा वूमन ऑफ द इयर सम्मान एवं सोना देवी गौरव सम्मान आदि भी मिला है।