पत्रकारिता

0 0
Read Time43 Second

हिन्दी की पत्रकारिता ने
छुए नित नए आयाम
गणेश शंकर विद्यार्थी है
इसमे सबसे ऊंचा नाम
मिशनरी पत्रकारिता के
वे ही असली जनक थे
देश की आजादी के
पत्रकार भी नायक थे
लेकिन घटते मूल्यों से
पत्रकारिता आहत हुई
सच्चाई दम तोड़ रही
चापलूसी आबाद हुई
मीडिया मे खबरों के
दाम अब लगने लगे
सच्ची खबरों के किस्से
दफन अब होने लगे
हिन्दी पत्रकारिता जब
मिशनरी बन जायेगी
झूठ दम तोड़ देगा तब
सच्ची ख़बर ही आएगी।
#श्रीगोपाल नारसन

matruadmin

Next Post

बिना जाँच के परिणाम

Mon May 31 , 2021
उम्र बीत जाती है, जिंदगी को बनाने में। मेहनत करनी पड़ती है, लक्ष्य को पाने में। तब कही जाकर मंजिल, हासिल कर पाते है। और अपनी पहचान, बना पाते है जमाने में।। हँसना तालियां बजबना, आसान नहीं काम होता। खुदका दर्द पीकर जो हंसाये जग को। वो बहुत जिंदा दिल […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।