धन दौलत पर न कर इतना गुमान
ये हाथ का मैल है धुल ही जाएगा।
न कुछ लाया था न कुछ ले जायगा,
यही पर सब कुछ ही रह जाएगा।।
बनाये थे जो तूने महल दुम्हले,
क्या तू इनको साथ ले जाएगा ?
खड़े रहेंगे ये सभी यही पर बन्दे,
साथ कुछ भी न तू ले जाएगा।।
बांट देना अपने दोनों हाथो से,
तुझे कुछ तो पुन्य मिल जाएगा।
यही तेरे साथ साथ चलेगा बन्दे,
बाकी यहां सब कुछ रह जाएगा।।
बचपन बीता जवानी चली गई
फिर तो तुझे बुढ़ापा ही आयेगा।
एक कोने में तू पड़ा रहेगा बस,
पास तेरे कोई भी नहीं आएगा।।
यह भी मेरा,यह नहीं है तेरा,
इसी तेर मेर में तू चला जाएगा।
अपने से कमजोर से तू लडता,
बलवान से तू पछाड़ा ही जाएगा।।
पता नहीं कुछ तेरी जिंदगानी का,
कब ऊपर से तेरा बुलावा आयेगा।
हाथ पैर सब कुछ होते हुए भी,
चार के कंधो पर चढ़ कर जाएगा।।
आर के रस्तोगी
गुरुग्राम