0
0
Read Time40 Second
अधिक इच्छाये करना नही
तनाव का कारण बनना नही
जो इच्छाओ पर लगाम लगाये
वही महान संत कहलाये
इच्छाओ को कभी बढ़ने न दो
महत्वकांक्षी स्वयं को होने न दो
इच्छा ही तो पथभृष्ट बनाती है
अपनो को भी गैर बनाती है
लक्ष्य अगर हो सद उन्नति का
स्वयं की स्वयं से ही प्रगति का
कर्मयोग से विकासोन्मुखता का
आत्मयोग से परमात्मयोग का
यही लक्ष्य सार्थक कहलाता है
साकार से साधक हो जाता है।
#श्रीगोपाल नारसन
Post Views:
342