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कोटि कोटि नमन करते है इस बलिदानी को,
जिसने फांसी पर चढ़ा थी अपनी जवानी को।
1857 का स्वतंत्रता संग्राम इसने चलाया था।
अंग्रेजो को इसने ही छठी का दूध पिलाया था।
मत भूलो तुम ऐसे वीर शहीदों की कहानी को,
जिसने फांसी पर चढ़ा थी अपनी जवानी को।
आर के रस्तोगी
गुरुग्राम
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