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सांता आना मेरे अंगना खुशियों
की सौगात
ले आना तुम खेल खिलौना यादों
की बारात
महक उठे सब घर आंगन
खिले भाई चारा
सुमन सुंगधित भारत हो
प्रेम जगत का प्यारा।
क्रिसमस में आये सांता अब
होली में रंग जमाना
ईद मनाएंगे मिलकर सारे
बांटे खुशी का खजाना।
सब ईश्वर की संतान है
मानव धर्म हमारा।
तू येसु है राम रहीम है
कण कण स्वरूप तुम्हारा
हम भटके इंसान है तेरे
तुझमें जग है सारा
#अविनाश तिवारीजांजगीर चाम्पा(बिहार)
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