किसान और जवान

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कुछ कर गुजरने की अब
किसानों ने ठान ली है।
और अपनी एकजुटता
देश को दिखा दी है।
किसानों का कोई जात
धर्म नहीं होता है।
उनका धर्म तो खेतों में
अन्न उगाना ही होता है।।

70 सालों में जो कुछ भी
देश के महापुरुषो ने बनाया था।
अब ये उनकी विरासत को
बेचे जा रहे है।
और फिर भी 70 सालों का
रोना आज भी रो रहे है।
और अपनी अकुशलता का दोष
उन ही लोगों पर लगा रहे हो।।
और देश की बहुमूल्य पूंजी को
क्यों बेचने पर तुले हो।।

खुदके खर्च खुद से
कम हो नहीं रहे है।
और मितव्ययता का
संदेश देश को दे रहे हो।
जबकि लाखो का वेतनभत्ता
सेवा के नाम पर ले रहे हो।
और देश की जनता का पैसा
खुद लूटे जा रहे हो।
बचा नहीं कुछ तो
किसानों को दाव पर लगा दिया।।

खेतों में अन्न उंगाकर भी
खुद किसान भूखा मरता है।
और देश की सुरक्षा में भी
किसान का ही बेटा मरता है।
फिर भी किसान और जवान
अपना फर्ज नहीं भूल रहे है।
और सरकार उन्हीं का
शोषण करने पर तुली है।।

बहुत खेल लिया जातपात
और धर्म के नाम का खेल।
जिसे लोग बहुत अच्छे से
अब समझ गये है।
पर इस बार पाला पड़ गया
देश के किसानों से।
और भूल गये अंहकार में की
सत्ता पर इन्होंने ही बैठाया था।।
अब यही तुम्हारे पीछे पड़ गए है
तो सत्ता से तुम्हें जाना पड़ेगा।
और अपनी करनी का फल
तुम्हें यही भोगना पड़ेगा।।

जय जिनेंद्र देव
संजय जैन (मुंबई)

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।