सन्त सिपाही

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सन्त सिपाही भारत के,
तुमको लख लख करें नमन।
तुम्हारे पावन चरणों में,
हम श्रद्धा सुमन करें अर्पण।

मिश्री सी मधुरता वाणी में,
बड़े सहज, सरल विचार।
भक्ति ,शक्ति का संगम हो,
धर्म ही जीवन का सार।

वीर हुआ ना तुम सा कोई,
ना तुम सा कोई बलिदानी।
इतिहास के पन्नों पर तुमने,
एक रच दी अमर कहानी ।

ज्ञान भक्ति की गंगा दिल में,
सदा ही जिसके बहती है।
त्याग,समर्पण ,देशभक्ति की,
एक नई कहानी कहती है।

फूल मिले या शूल मिले,
या मौसम प्रतिकूल मिले।
कष्टों की ना चिंता कोई,
मंजिल अपनी जरूर मिले।

मात-पिता सब खो दिए,
खोये अपने सुत चार।
फिर भी हार ना मानी थी,
की मुगलों से आँखें चार।

वीर,पराक्रमी,बलशाली,
सिंह ने मारी दहाड़।
अपनी बाजुओं की शक्ति से,
मुगलों को दिया पछाड़।

गुरु तुम जैसा पाकर के,
सारा जग हुआ निहाल।
त्याग,समर्पण की अद्भुत,
कायम की जग में मिसाल।

भारत माँ का सुत प्यारा ये,
दशम गुरु सरदार हुआ।
धर्म की रक्षा की ख़ातिर,
अपना सब कुछ वार दिया।

अत्याचार ,अन्याय,अधर्म,
जब शीश उठाता है।
मानवता की रक्षा को तब,
तुम सा अवतारी आता है।

स्वरचित
सपना (स. अ.)
जनपद-औरैया

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।