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शांत चित जिसका रहे
वही प्रभु के निकट रहे
मिलता उसे मान सदा
जो व्यर्थ से मुक्त रहे
विकारो से जो ग्रसित न हो
पावनता उसके निकट रहे
देह तो सबकी नश्वर है
क्यो इसके मोह मे रहे
आत्मबोध मे रहते है जो
प्रभु ध्यान उन्हें ही रहे
जीवन का हर पल कीमती
पल पल जीवन सफ़ल रहे
नही आएगा कोई व्यवधान
बस, प्रभु गुणगान करते रहे।
#श्रीगोपाल नारसन
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