जो कभी नही देखा था
वह सब देखना पड़ा
इस 2020 के साल में
कोरोना को झेलना पड़ा
जीवन भारी सा हो गया
कई अपनो को ले गया
सबके सब अछूत हुए
हाथ मिलाना पाप हुआ
गले लगाना अभिशाप हुआ
चेहरा मास्क में ढक गया
पहचानना मुश्किल हो गया
मेले सब इतिहास हो गए
शादियां सादगी में बदल गई
शानाओशोकत ढ़ल गई
घरों में रहने को विवश हुए
लॉक डाउन से आहत हुए
रोजी -रोटी सब चली गई
जिंदगी जैसे छली गई
कमाने का ज़रिया नही
वक्त रहा बढ़िया नही
कोरोना हमे डराता रहा
अपनो से दूर करता रहा
सावधानी ही बचाव रही
सेनेटाइजर ही छाई रही
बीस सेकंड हाथ धौना
दो गज की दूरी बनाना
यही सब हम करते रहे
नो माह तक चलते रहे
किसान भाई नाराज़ रहे
सड़को पर ही पड़े रहे
न्याय उन्हें मिला नही
कानून वापस हुआ नही
संघर्ष में वक्त बदल गया
2020 से 2021 आ गया
इस साल में यह सब न हो
यही संकल्प लेना होगा
उम्मीद का सूरज आएगा
दुःख सारे हर ले जाएगा
खुशियो की बरसात होगी
सबसे दिल की बात होगी
सब अच्छा ही होता रहे
यही शुभकामनाएं है
2021 की मंगलकामनाएं है।
डॉ श्रीगोपाल नारसन एडवोकेट
,रुड़की (उत्तराखंड)