हम औरतें
हृदय में
लज्जा और अपमान की
दर्द और बोझ लेकर
यहाँ से वहाँ
क्यों दौड़ते रहेंगे
किसी की बलत्कार के बाद
हत्या होने पर
या किसी को
जिन्दा जलाने पर
घर से निकलकर
मृत आत्मा की शान्ति
के लिए
सड़क पर मोमबत्ती
क्यों जलायेगें
हम भी तो
बन्द मुट्ठी को आसमान की अोर
दिखाकर
लज्जा और अपमान के
खिलाफ बोल सकेंगे
पत्थरों से आग
जला सकेंगे
और उस आग से
बुरे लोगों का
बुरा मनसिकता को
जला सकेंगे
#चंद्र मोहन किस्कू
शिक्षा- स्नातक
प्रभात खबर ,दैनिक जागरण ,ककसाड़,वागर्थ ,समकालीन भारतीय साहित्य ,विश्वगाथा ,सृजन सरोकार आदि पत्रिकाओं में कवितायेँ प्रकाशित
गाँव- बेहड़ा
डाकघर- हल्दाजुड़ी
वाया – घाटशिला
जिला-पूर्वी सिंहभूम
झारखण्ड