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झमझम करती बारिश आई
मुरझाई फसलों में जान आई ।
धीरे से बरसे बादल घनघोर
कल-कल करती नदियां आई ।।
मन पुरवाई सजन घर आई
मेंढ़क टर्र-टर्र कर नाचे भाई।
कोयल कूं – कूं कर दे रही ये
संदेश वर्षा से धरती मुस्काई ।।
मौसम ने ली देखो अंगडाई
सबके चेहरे पर रौनक आई ।
खेतों में चहुंओर है हरियाली
तितलियां उपवन में मंडराई ।।
जन-जन दे रहा आज बधाई
इंद्रदेव को भेंट करके मिठाई।
प्रकृति का उपहार है ये बहार
सब ऋतुएं है बड़ी ही सुखदाई ।।
गोपाल कौशल
नागदा जिला धार मध्यप्रदेश
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