बेटी करमा खीचड़ो

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पांडव हारे खेल में,
द्रोपदि दाव लगाइ।
चीर हरण बेटी भयो,
मोहन लाज बचाइ।।
गंगा सुत भीषम भये,
भारत के इतिहास।
भीषण प्रण पूरण करी,
जीवन पाया त्रास।।
अंबा अंबे अंबिका,
तीनों बेटी खान।
बेटी त्यागन कारणे,
भीषम दीने प्राण।।
विदुराणी के छीलके,
खाये थे भगवान।
करमाबाई खीचड़ो,
भोग लगायो आन।।
राधा रुक्मणि द्रोपदी,
अरु कुंती को जान।
गंधारी अरु सुभदरा,
बेटी भई महान।।
तारावति हरिचंद की,
धरम कियो नहि भंग।
सत्य भाव के कारणे,
आपहि बिक गइ संग।।
भस्मासुर को वर दयो,
शिव पे संकट आन।
बेटी रुप धारण कियो
,तभी बचे थे प्राण।।
दमयंती की कथा सुनो,
नल की बनी सहाय।
जंगल में भटकत फिरी,
प्रीतम छोड़ा नाय।।
बेटी लीला कलावति,
मां बेटी सम्मान।
सत्यनरायण की कथा,
नारी का गुणगान।।
बेटी सावित्री भई,
यम को दिया हराय।
सत्यवान को सत्य से,
वापस लिया छुड़ाय।।

डॉ दशरथ मसानिया
आगर मालवा

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Sat Dec 19 , 2020
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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।