न जाने क्यों बेवफा कहलाए हम

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hanif

उस रुठने वाले को कैसे मनाएं हम,
वफ़ा करने पर भी,बेवफा कहलाए हम।

जिन्दा हैं उसकी यादों के सहारे,
कितने तन्हा और मजबूर..
मर भी न सके और जी भी ना सके हम।

सोचा था मोहब्बत की दुनिया बसाएंगे हम,
दास्ताँ अपने प्यार की सुनाएंगे हम..
वो दुनिया हमारी जलाते रहे,
फिर भी उसकी खातिर मुस्कुराते रहे हम।।

याद आता है उसकी मोहब्बत का वो फ़लसफ़ा,
कि प्यार करते हैं तुमसे हम..
दिल से हमारे खेलते रहे वो हरदम,
और वफ़ा करके भी न जाने क्यों बेवफा कहलाए हम।।

                                                           #मोहम्मद हनीफ खान मन्सूरी

परिचय : मोहम्मद हनीफ खान मन्सूरी पत्रकार होने के साथ ही स्थानीय कवि भी हैं। आपने एमएससी(कम्प्यूटर) की शिक्षा प्राप्त की है और विदिशा जिला के श्मशाबाद में रहते हैं। लेखन कार्य छात्र के रूप में प्रारम्भ किया था,जो अब भी जारी है। स्थानीय अखबारों एवं पत्रिकाओं में आपकी रचनाएं प्रकाशित हुईं हैं।

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आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।