मंत्री जी बड़े बेचैन थे | कभी उठते, कभी बैठते तो कभी टी. वी. चालू बंद करते | वैसे गोद लिए चैनल देखकर मंत्री जी तृप्ति की साँस लेते थे, लेकिन इसबार उन्हें शांति मिल ही नहीं रही | लाला हरामदेव की तमाम हरकतें आजमा कर देख लीं पर शांति का दूर-दूर तक कोई अता-पता नहीं |
किसान आंदोलन रोकने के लिए उन्होंने क्या नहीं किया | सड़कें खुदवा दीं, देश के भीतर ही चीन-पाक बॉर्डर वाली कटीली तार लगवा कर, बड़े-बड़े पत्थर रखवाकर हाइवे बंद करा दीं परन्तु ये किसान तो पुलिस – फौज के बल पर भी नहीं रुके | अपने सभी अंधभक्तों को काम पर लगा दिया, किसानों को देशद्रोही साबित करने में, पर काम फिर भी न बना |
मंत्रीजी सोच रहे थे, अब जान कैसे बचे | उधर पंमानी-टंमानी का प्रेशर इधर दिल्ली में किसान | बड़ी विकट समस्या | न खाते बन रहा – न उगलते… किसान आंदोलन तो हलक में ही अटक गया | कोरोना का बहाना भी न चल सका |
सुना है मंत्रीजी कोमा में चले गये हैं |
- मुकेश कुमार ऋषि वर्मा