राष्ट्रीय आंचलिक साहित्य संस्थान के पश्चिम बंगाल ईकाई का भव्य उदघाटन

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भारत की साहित्यिक राष्ट्रीय संस्था राष्ट्रीय आंचलिक साहित्य संस्थान का पश्चिम बंगाल ईकाई का उद्घाटन समारोह में संस्था के सभी सम्मानित पदाधिकारी उपस्थित हुए जिसमें राष्ट्रीय महासचिव रुपेश कुमार जी के द्वारा पूरी व्यवस्था की गई तथा उद्घाटन राष्ट्रीय अध्यक्ष सह संस्थापक नवलपाल प्रभाकर ‘दिनकर’ जी के कर कमलों द्वारा हुआ। संस्था के पश्चिम बंगाल ईकाई की अध्यक्ष वीणा चौधरी के अथक प्रयास से यह सभंव हुआ। मुख्य अतिथि दिल्ली से सुधीर सिंह ‘सुधाकर’ जी ने शुभकामनाएं दी एवं अपनी रचना से सभी का मन मोह लिया। संस्था के सभी गणमान्य लोग उपस्थित थे। पश्चिम बंगाल ईकाई में वीणा चौधरी को अध्यक्ष पद के लिए वहीं सोनी केडिया जी को उपाध्यक्ष, रूबी प्रसाद जी को महासचिव एवं कनकलता झा जी  सचिव को का पदभार सौपा गया।    कार्यक्रम का शुभारंभ सरस्वती वंदना से शुरु हुआ जिसे अमरेंद्र कुमार जी एवं सरस्वती मिश्रा जी ने गाया। कार्यक्रम की संचालन सुप्रीम कोर्ट की लॉ ऑफिसर ऐडवोकेट अनुजा ‘मनु’ जी ने किया। राष्ट्रीय अध्यक्ष नवल प्रभाकर ‘दिनकर’, राष्ट्रीय महासचिव रूपेश कुमार के साथ संस्था के सभी गणमान्य साहित्यकार राष्ट्रीय सचिव अनुजा ‘मनु’ जी , राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रिया सिंह जी, अन्तराष्ट्रीय राजदूत अंशुपाल ‘अमृता’ जी, राष्ट्रीय हिंदी अधिकारी डॉ विजय लक्ष्मी’अनु’ जी , महाराष्ट्र अध्यक्ष एवं प्रसिध्द कवयित्री निक्की शर्मा ‘रश्मि’ जी के रचनाओं ने सबका मन मोह लिया! बिहार ईकाई अध्यक्ष बबिता सिंह जी, बिहार ईकाई महासचिव एवं पूर्व मिस्सेस इंडिया विनर रुपा वात्सायन जी, महाराष्ट्र उपाध्यक्ष एवं प्रसिध्द पत्रकार डॉक्टर शम्भू पंवार जी, उत्तर प्रदेश अध्यक्ष नीरू विष्णु ‘नीरा’ जी, बिहार पटल प्रभारी पूनम कुमारी जी , दिल्ली अध्यक्ष तान्या गुप्ता जी भी उपस्थित रहकर शुभकामनाएं दी और सुंदर काव्यपाठ से समां बांधा।

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।