मानव धर्म

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पंडित रामादीन अपने परिवार के साथ तीर्थ यात्रा से लौट रहे थे। रास्ते में एक कुआं को देखकर भोजन करने के लिए बैठ गए। प्यास से मारा हुआ एक गडरिया आया और उसने जैसे ही बाल्टी को पानी के लिए हाथ लगाया, पंडित जी बिगड़ गये। गुस्सा करते हुए बोले मेरा तो धर्म ही बिगाड़ दिया और पानी ढोलकर बाल्टी को साफकर फिर से ताजा पानी कुएं से निकाला। वह बेचारा प्यासा ही चला गया। भोजन के पश्चात पंडित जी पानी खींचने के लिए तैयार हुए अचानक पैर फिसल गया वे कुएं में गिर गए।
यह देख कर उनकी पत्नी और बच्चे जोर जोर से रोने चिल्लाने लगे। आवाज सुनकर वही गडरिया दौड़ा दौड़ा आया। तब उसकी पत्नी बिलखते हुए पैर पकड़ कर बोली — भैया मेरे सिंदूर की रक्षा करो। इन्हें कुये से निकालो। उसने तत्काल अपनी पगड़ी उतारी और एक छोर कुआं में फेंककर पकड़ने के लिए कहा। पंडित ने पगड़ी को पकड़ा और गडरिया ने धीरे-धीरे ऊपर की ओर खींच कर निकाल दिया। बाहर निकालते ही पंडित जी की सांस फूलने लगी, वे घबरा कर बेहोंश हो गए। ऐसी स्थिति में ग्वाला ने उनको उल्टा लिटाया और पेट का पानी निकाला । तत्पश्चात अपने मुंह से उनके मुंह में ऑक्सीजन देकर अपना मानव धर्म निभाया।

डॉ दशरथ मसानिया
आगर मालवा म प्र

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।