ज्ञान धर्म की तरफ मेरा
ध्यान बड़ता जा रहा है।
जीवन का सच्चा अर्थ
हमे समझ आ रहा है।
बिना धर्म के मुक्तिपथ
हमें मिल नहीं सकता।
इसलिए हर कोई धर्म से
जोड़ता जा रहा है।।
जब से तुम आये हो
इस संसार में।
तब से लेकर अबतक
तुमने किया क्या है।
जरा सोचो समझो
और करो विचार।
तभी जिंदगी के सच को
तुम पहचान पाओगें।।
जब भी तुम करो
तीनलोक के नाथ के दर्शन।
तो स्वंय को देखो
तुम नाथ के अंदर।
तो तुम्हें जीवन का
सच्चा पथ मिल पायेगा।
और मोक्षगति का मार्ग
तुम्हें निश्चित ही मिल जायेगा।।
जय जिनेंद्र देव
संजय जैन (मुंबई)