बेरोजगारी

0 0
Read Time1 Minute, 31 Second

खाने को रोटी नहीं
रहने को नहीं मकान।
पर फिर भी कहते
मेरा भारत महान।।

पहले ही रोजगार नहीं थे
और थे जो भी चले गए।
कुल मिलाकर फिर से
हम बेरोजगार हो गये है।
और फिर से परिवार
पर बोझ बन गये है।
सच कहें तो अच्छे दिन
हमारे देश के आ गए है।।

किया धरा किसी और का
भोग रहे है हम सब।
फिरभी सपने दिखा रहे है
पर रोजगार नहीं दे पा रहे।
अब तो इंजीनियर एमबीए…
बेच रहे है मूफली।
क्योंकि पापी पेट का
जो अब सवाल है।।

क्या से क्या हालत
अब देश का हो रहा है।
इसलिए बेरोजगारी दिवस
बड़ी धूमधाम से मना रहे है।
शायद इसे ही लोग आधुनिक
आत्मनिर्भर भारत कह रहे है।
और अपनी बेबसी पर
हमसब आज रो रहे है।।

न कोई चिंता न कोई काम
घर बैठे देखते रहो सपने।
सपने देखना भी तो है
एक बहुत बड़ा काम।
जिसे रोजगार में गिना जाता है
और आंकड़े यही दर्शा रहे है।
की कहां हमारे देश में
कोई बेरोजगार बचे है।।

इसलिए तो होश हवस में
कहा रहा हूँ कि।
खाने को रोटी नहीं
रहने को नहीं मकान।
पर फिर भी कहते
मेरा भारत महान।।

जय जिनेन्द्र देव
संजय जैन (मुम्बई)

matruadmin

Next Post

गाँधी

Fri Oct 2 , 2020
गाँधी तेरी लाठी करती ये पुकार हो रहा है कितना देखो अत्याचार जात-धर्म से हो गए,सब यहाँ लाचार ईमान का भी हो रहा खूब व्यापार गाँधी तेरी लाठी करती ये पुकार लूट-पाट,दंगो की दुकानें चल रही बहू-बेटियों की अस्मिता लुट रही मंदिर-मस्ज़िद भी फल-फूल रही इन सबसे भरा हुआ है […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।