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जो नही चाहते कि वह पैदा हो
उनका भी वह भला चाहती रही
अपनी परवाह न करके कभी
वह परिवार पर जान लुटाती रही
मां के काम मे हाथ बंटाना
बचपन मे भाई से मार खाना
बेटी है इस कारण सहती रही
फिर विवाह के पायदान पर
पराया हो गया अपना ही घर
ससुराल में कटेगी शेष जिंदगी
बेटी से मां बनने तक का सफ़र
सब कुछ पति और बच्चों पर
लूटा देने का यह अनूठा सफ़र
अनेक थपेड़ो से गुजारता रहा
मां को संघर्षों से तापता रहा
तंगहाली में पति का सहारा रही
झोली में ओलाद पालती रही
मां जिंदगी का बोझ ढोती रही।
#श्रीगोपाल नारसन
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