सीखने का अंत नहीं

0 0
Read Time55 Second

मैं किन किन को छोड़ू,
जबकि सभी अपने हैं।
जीवन के सफर में,
साथ सभी का मिला है।
तभी तो मंजिल तक,
मैं पहुंच पाया हूँ।
और ध्वजा विजय की,
आकाश में फहरा पाया हूँ।।

जीत हार से जो
अपने को आंकते है।
सफलता से वो
बहुत दूर हो जाते है।
अहिम इतना आ जाते है की,
हार बर्दाश नहीं कर पाते है।
और सब कुछ होते हुए भी,
गुमनामी में खोज जाते है।।

सीखने का कभी भी
जीवन में अंत नहीं होता।
संसार में कोई भी इंसान
सम्पूर्ण ज्ञानी नहीं होता।
जो जिंदगी का ये मूल,
सिध्दांत पकड़ लेता है।
वो हर ऊंचाईयों को,
एक दिन छू जाते है।।

जय जिनेन्द्र देव
संजय जैन (मुम्बई)

matruadmin

Next Post

पहाड़ की यात्रा से हिंदी प्रेम तक।

Sun Sep 6 , 2020
बात 2007 मार्च महीने की है। मैं उस वक्त स्नातक प्रथम वर्ष का छात्र था। मेरी नौकरी उत्तर प्रदेश, के जनपद बलरामपुर में लगी। पहाड़ी पृष्ठभूमि का होने के कारण भोलेपन को खुद मानो पहाड़ों ने ही मुझे सिखा दिया हो।उम्र महज 18 वर्ष प्राइमरी स्कूल में, शिक्षा ग्रहण करते […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।