खबरों की भीड़ में ,
राजनेताओं का रोग है .
अभिनेताओं के टवीट्स हैं .
अभिनेत्रियों का फरेब है .
खिलाड़ियों का उमंग है
अमीरों की अमीरी हैं .
कोरिया – चीन है
तो अमेरिका और पाकिस्तान भी है .
लेकिन इस भीड़ से गायब है वो आम आदमी
जो चौराहे पर हतप्रभ खड़ा है .
जो कोरोना से डरा हुआ तो है लेकिन
जिसे चिंता वैक्सीन की नहीं
यह जानने की है ट्रेनें कब चलेंगी ,
जो उसे उसकी मंजिल पर नहीं
तो कम से कम वहां पहुंचा दे
जहां उसे रोटी मिल सके .
खबरों की भीड़ से
बिल्कुल ही गायब है .
अस्पतालों की कतारों में धक्के खाता
वो आम आदमी
जो सितारे भी बनाता है
और सरकार भी
तारकेश कुमार ओझा
लेखक पश्चिम बंगाल के खड़गपुर में रहते हैं और वरिष्ठ पत्रकार हैं।