देश ही सर्वोच्च है।

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जिस देश में हमने जन्म लिया,
उस देश पर हम बलिदान हो जाए।
जो निर्बल पिछड़े है इस देश में,
उनको तारे हम पहले फिर खुद तर जाए।।

रहे ध्यान निज मान मर्यादा का,
उसका हनन हम कभी न होने दे।
जो करे हनन हमारी।मर्यादाओं का,
उनको देश में कभी हम बढ़ने न दे।।

करे देश की रक्षा हम सब,
हर सीमा पर हम डट जाएं।
जो देखे देश को कुदर्ष्टी से,
उनके सीने पर हम चढ़ जाए।

करे विकास हम सब देशवासियों का,
कोई विकास से वंचित न रह जाए।
जो रहे देश में पिछड़े अभी तक,
उनको आगे हर क्षेत्र में लेे जाए।।

जो करे हमारे देश के टुकड़े टुकड़े,
उनको देश से बाहर निकाला जाए।
पानी फेरे उनके इस इरादे को,
उनको अब मृत्यु दण्ड दिया जाए।।

करे सम्मान उन सब लोगों का,
जो देश की सेवा निस्वार्थ करते हो।
दे सम्मान अमर शहीदों जैसा,
जो अपना निज बलिदान करते हो।।

करे सम्मान देश के संविधान का,
वहीं देश की कुरान व गीता है,
जो चले देश के संविधान विरूद्ध,
उनको अब केवल फांसी का फीता है।।

भारत मां से न बडा कोई देश में,
जो उसका अपमान देश में करता हो,
उनके सीने में अब गोली दागनी,
चाहे कितना बड़ा लीडर वह बनता हो।।

आर के रस्तोगी
गुरुग्राम

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

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