भगवान से जो माँगा था वो मन्नत हो तुम,
इस दुनिया में मेरे लिए तो जन्नत हो तुमl
तेरे बिना तो जिंदगी अधूरी-सी लगती है,
जिंदगी जीने के लिए मेरी जरुरत हो तुमl
तुझे पाकर जिंदगी हो गई और भी हसीं,
इश्क़ के मंदिर में प्यारी-सी मूरत हो तुमl
बेझिझक हर सुख-दुख में देती हो साथ,
दुःख में मेरे लिए तो मेरी राहत हो तुमl
तुम हो ख़ास तेरी हर बात ही निराली है,
इसीलिए तो `पीयूष की चाहत हो तुमl
#पीयूष राज
परिचय : पीयूष राज की उम्र मात्र १७ साल है, पर लेखन में खासे सक्रिय हैं। कविता और कहानी लिखना इनको पसंद है। २०१५ से कविता लिखते हुए अब तक ५७ लिख चुके हैं। विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में यह प्रकाशित हो चुकी हैं। आप जिला दुमका (झारखण्ड)में बसे हुए हैं। वर्तमान में दुमका में द्वितीय वर्ष (डिप्लोमा अभियंत्रण छात्र) में अध्ययनरत हैं।