आज नहीं मर रहा है केवल एक इंसान,
न ही मर रहे हैं सिर्फ बूढ़े लाचार शरीर
पर आज…
मर रही हैं उम्मीद के झिलमिलाते दीप लिए,
चौखट पे जमी मां की आंखें
जो अपने बेटे के इंतज़ार में पथरा-सी गईं हैं l
आज मर रही है माँ की ममता
मर रही है उसकी थपकी देतीं लोरियां,
सूख रहा है उसके आँचल का दूध
जब उसके बच्चे दूर परदेस जाकर
उसकी आवाज़ तक को सुनने से
कर देते हैं इनकार,
और झटक देते हैं एक सिरे से
उसके कंपकंपाते हाथों को,
जो तलाशते रहते हैं
अपने बच्चों में अपने बुढ़ापे की लाठियां…l
आज मर रहा है एक पिता का धैर्य,
और उसका त्याग
मर रहा है उसका आत्मविश्वास
जब उसके ही पुत्र लगा देते हैं
उसके पूरे वजूद पर एक सवालिया निशान,
और देते हैं एक करारा तमाचा
उसके द्वारा दी गई परवरिश को…l
आज का युवा कर रहा है प्रतिनिधित्व
उस पाश्चात्य संस्कृति का,
जिसमें हमारे घर में बुजुर्गों के लिए
कोई एक कोना भी मयस्सर नहीं है
जिस महानगरीय व्यवस्था और
मशीनी ज़िन्दगी में बोझ समझ
छोड़ दिया जाता है बेबस मां-बाप को,
`ओल्ड ऐज होम` में
घुट-घुट के अंतिम सांसें लेने को l
आज मानवीय संवेदनाओं को मार
चमकता खनखनाता कलयुगी सिक्का
कर रहा है
उन सारे मूल्यों और संस्कारों पर राज,
जो हमारे भरत वंश की परंपरा रही है
जिस संस्कृति में ययाति, श्रवण और
राम सरीखे पुत्र हुए,
जिस संस्कृति में
बुजुर्गों की सेवा करना
हमारा सिर्फ कर्तव्य ही नहीं,
बल्कि जिनके चरण
देवी-देवताओं के चारों धाम तुल्य माने गए,
आज मर रही है..बेमौत..वही संस्कृति
आज अपनी ही लाश ढो रही है हमारी सभ्यता l
अब भी वक़्त है..बचा लेना होगा हमें
इन मरती आत्माओं को,
इन लहूलुहान होते पारिवारिक संबंधों को
बचा लेना होगा इन टूटते मानवीय रिश्तों को
बचा लेना होगा अपनी
खत्म होती भारतीय संस्कृति को,
और बचा लेना होगा गर्त में जाते
अपने खुद के भविष्य को…ll
#डॉ. आरती कुमारी
परिचय : डॉ. आरती कुमारी की जन्म तिथि २५ मार्च १९७७ और जन्म स्थान गया (बिहार) हैl आप वर्तमान में आजाद कॉलोनी माड़ीपुर(मुजफ्फरपुर,बिहार) में निवासरत हैंl आपने एमए(अंग्रेजी), एमएड और पीएच-डी. की शिक्षा हासिल की हैl वर्तमान में सहायक शिक्षिका के रूप में राजकीय उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय (ब्रह्मपुरा,मुजफ्फरपुर) में कार्यरत हैंl `कैसे कह दूँ सब ठीक है` काव्य संग्रह प्रकाशित होने के साथ ही पत्रिकाओं में लेख एवं अन्य रचनाओं का प्रकाशन निरंतर जारी हैl वेब और शैक्षणिक पत्रिकाओं में भी लिखती हैंl साक्षा-काव्य-संग्रह -आज के हस्ताक्षर,ग़ज़ल सरोवर आदि भी आपके नाम हैl सम्मान के रूप में राजस्थान की राज्य इकाई द्वारा शिक्षा एवं साहित्य के क्षेत्र में ‘अनुव्रत सम्मान-२०११’ सहित ‘बिहार विकास रत्न अवार्ड- २०१२’,‘गोपी वल्लभ सहाय सम्मान-२०१३’ `साहित्य साधना सम्मान-२०१५` आदि पाए हैंl कवि सम्मेलन एवं मुशायरों में पाठ करती हैंl
बहुत बहुत बधाई।
आरती जी बहुत बहुत बधाई