0
0
Read Time43 Second
आपदा अवसर बनकर रह गई
जुमलों की सरकार
जुमलों से चल गई
जनता हाथ मलते रह गई ||
अवसर को सबने खूब भुनाया
सरकारी सम्पत्ति बेक – बेककर
नेताजी ने देश चलाया
बढ़ता क्राइम ग्राफ रुक नहीं पाया ||
एक तरफ विकास का बजता डंका
मिल गये आपस में सदाचार और दुराचार
गरीब की मिटी न शंका
जनता की लुट गई लंका ||
आपदा अवसर बनकर रह गई
कोरोना में मदहोश सरकार
जनता देश की खातिर सब सह गई
दिल्ली तेरी कलई अब तो खुल गई ||
आपदा अवसर बनकर रह गई
- मुकेश कुमार ऋषि वर्मा
Post Views:
484