अंधेरा

7 1
Read Time1 Minute, 40 Second

हर रात अंधेरे से महज़ कहने को है,
वह अंधेरा तो सूर्यास्त किए बैठा है।
इस अंधेरे से चाँदनी की आस मुमकिन है,
वह अंधेरा तो चाँदनी छुपाये बैठा है।।

इस अंधेरे में रात की नींद है नाज़िल,
वह अंधेरा तो दिन में सुलाये बैठा है।
इस अंधेरे में सपने सजोये जाते है,
वह अंधेरा तो सपनों को छीन लेता है।।

इस अंधेरे में थकान दूर होती दिन की,
वह अंधेरा तो रात में थकान देता है।
इस अंधेरे में आशियाना नसीब होती है,
वह अंधेरा तो आशियाना उजाड़ देता है।।

इस अंधेरे में अपनों से मिलन होती है,
वह अंधेरा तो अपनों से दूर करता है।
इस अंधेरे से ताज़गी दिन भर के लिए,
वह अंधेरा ज़िंदादिली भी छीन लेता है।।

परिचय

ज़हीर अली सिद्दीक़ी

सिद्धार्थनगर(उत्तरप्रदेश)

शिक्षा-स्तनातक एवं परास्नातक -किरोड़ीमल कॉलेज,दिल्ली विश्वविद्यालय

रचनाएं- सेतु, लेखनी, साहित्यकुञ्ज, साहित्यसुधा, सहित्यनामा, साहित्यमंजरी, स्वर्गविभा, अनहद कृति, हमरंग, जय विजय, हस्ताक्षर, रचनाकार, पञ्चदूत, आंच आदि पत्रिकाओं में रचनाएं प्रकाशित।

सम्प्रति- पी-एच.डी.(शोधरत) आय. सी.टी. मुम्बई,महाराष्ट्र।

matruadmin

Next Post

साजन बिन सावन

Wed Jul 22 , 2020
हो पिया जब परदेश में सावन भी सूखा लगता है सजनी का हर श्रृंगार भी पी बिन अधूरा लगता है बारिश की हरेक बूंद भी तब आग ही बन जाती है सावन की सुहानी रातों में जब याद पिया की आती है इंतज़ार होता है नैनों में देखने को तरस […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।