क्षमा नही करने वाली

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केरल में देखो ऐसा अवसर भी आया है,
शिव के पुत्र गजराज ने भी स्वयं को निर्बल पाया है।

माँ की ममता, भूख की ज्वाला सबकुछ उसके अंदर थी,
मानव से भोजन की आशा, उसके अंतर मन थी।

देख कर कुछ युवक भोजन के साथ आये है,
क्या पता था उस गज गामिनी को मौत साथ लाये है।

स्वादिष्ट फल समझकर उसने जैसे ही मुंह मे दबाया होगा,
आभार ईश्वर का करने सूंड को थोड़ा हिलाया होगा।

फट पड़ा मुंह में स्वाद अंदर भी ना ले पायी थी।
जबड़े टूट गए 3 दिन कुछ नही खा पाई थी।

निष्तेज होकर उसने नदी में मुहं चलाया था,
जलन, रक्त, घाव धोकर मन को समझाया था।

नही था पता भूख का ऐसा दान मिलेगा,
थोड़े भोजन के लालच में मौत का सामान मिलेगा।

स्वयं तो हंसकर मर जाती,
अपने आँचल पर रोइ थी।
क्योंकि एक छोटी सी जिंदगी,
उसके पेट में सोई थी।।

अंतिम स्वास तक भी प्रभु से,
यही आशीष लिया होगा।
चाहे म्रत्यु मुझे आ जाये,
संतान का रक्षण किया होगा।।

क्या अब प्रकृति कोई अभिशाप नही देगी,
क्या ये पैशाचिक हरकत तुमको पाप नही देगी ?

कानून तुम्हें न पकड़े, वैसे भी वो अंधा है,
हो सकता है तुम धनाढ्य हो, बड़ा तुम्हारा धंधा है।
पर जीवों की हाय नही रुकने वाली,
अब जो भीषण त्रासदी होगी,
क्षमा नही करने वाली।।

मंगलेश सोनी
मनावर(मध्यप्रदेश)

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Thu Jun 4 , 2020
नीरज त्यागीग़ाज़ियाबाद ( उत्तर प्रदेश ) Post Views: 461

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।