40 मंचीय कवि ‘काव्यरथी सम्मान’ से सम्मानित

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इंदौर। लॉक डाउन काल के दौरान जनमानस को अवसाद से मुक्त करने की दिशा में मातृभाषा उन्नयन संस्थान द्वारा एक युद्ध अवसाद के विरुद्ध चलाया गया, जिसके अंतर्गत कवि मुकेश मोलवा एवं कवि हिमान्शु भावसार हिन्द के फेसबुक पृष्ठ से लाइव कवि सम्मेलन आयोजित किए गए। इस दौरान कवि सम्मेलन में सहभागी कवियों को काव्य मंच के राष्ट्रीय संयोजक-अध्यक्ष, ओज के हस्ताक्षरिय एवं राष्ट्रीय कवि मुकेश मोलवा एवं संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ अर्पण जैन ‘अविचल’ द्वारा ‘काव्यरथी सम्मान’ दिया गया।
इस सम्मान को प्राप्त करने वाले देश के विभिन्न प्रान्तों से कवि डिजिटल रूप से उपस्थित रहें जिनमें दीपशिखा रावल, हेमन्त बोर्डिया, दीपक पारिख, राज शेखावत, प्रियंका रॉय, नरेंद्रपाल जैन, हास्य कवि सुनील व्यास,आयुषी राखेचा, पल्लवी त्रिपाठी, पुष्पेंद्र पुष्प, अनिल उपहार, हिमांशु भावसार, पंकज प्रसून, कुलदीप रंगीला, शंभुसिंह मनहर, संदीप सांदीपनी, सतीश शाश्वत, सरला शर्मा, नीरज निर्मोही, विपिन वत्सल, गौरव साक्षी, कमलेश शर्मा, प्रदयुम्न शर्मा, शुभम त्यागी, रोहित वीर, मुकेश आनंद भावसार, नरेंद गुप्ता, सुरेन्द्र भोला, प्रतीक सिंह चौहान, डिम्पल सानन, नमिता नमन, पंकज पंडित, विनोद विद्रोही, मनीषा सक्सेना, योगेंद्र सुन्द्रियाल, ऋतिका थपलियाल, बलराम बल्लू, शैलेन्द्र शैलू, अभिषेक दवे व क्रांति पाण्डेय सम्मिलित रहें।
ज्ञात हो कि मातृभाषा उन्नयन संस्थान द्वारा दिया जाने वाला ‘काव्यरथी सम्मान’ हिंदी कवि सम्मेलन मंचों पर विशुद्ध हिंदी कविता पाठ करने एवं मंचों के माध्यम से हिंदी भाषा का प्रचार-प्रसार करने के लिए दिया जाता हैं।
काव्यरथी सम्मान से सम्मानित सभी कवियों को संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ अर्पण जैन ‘अविचल’, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ नीना जोशी, राष्ट्रीय महासचिव कमलेश कमल, राष्ट्रीय सचिव गणतंत्र ओजस्वी, राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष शिखा जैन, राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य भावना शर्मा, नितेश गुप्ता जलज व्यास, हिमांशु भावसार हिन्द, देवेंद्र जैन आदि ने बधाइयाँ प्रेषित करके मनोबल बढ़ाया।

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।