पेट न होता तो ये भूख ना होती

0 0
Read Time1 Minute, 23 Second

पेट न होता तो ये भूख ना होती,
आंखे न होती तो ये शर्म ना होती।
अगर ये भगवान ना बनाए होते,
किसी से किसी की बात ना होती।।

आंखे न होती तो ये आंसू ना होते,
दिल न होता तो ये दर्द ना होता।
अगर ये भगवान ना बनाए होते
कोई भी किसी का आज ना होता

इंसान न होता इंसानियत ना होती
भलाई न होती तो ये बुराई ना होती
अगर दुनिया में ये कुछ ना होता
किसी से किसी की लड़ाई ना होती

तोप तलवार न होती ये लड़ाई ना होती,
एक दूसरे पर कभी चढ़ाई ना होती।
अगर ये सब कुछ दुनिया में ना होता,
सारी दुनिया अमन चैन से सोती।।

कवि न होता ये कविता ना होती,
स्टेजो पर इतनी रौनक ना होती।
अगर ये सब कुछ ना होता
साहित्य की इतनी प्रगति ना होती

चीन न होता तो कोरोना न होता
सारी दुनिया का बुरा हाल न होता
अगर ये जल्द सब खतम हो जाए
सारा विश्व प्रगति के पथ पर होता

आर के रस्तोगी
गुरुग्रामख

matruadmin

Next Post

जीवन

Mon Jun 22 , 2020
तृष्णा और छल-छदम् मिटाओ | प्रेमभाव अपने हृदय में जगाओ || शुष्क मन को पुष्प सा खिलाओ | राग द्वेष से सब द्वन्द भगाओ || छोटी हो या बड़ी बाधा से मत घबराओ | भर साहस हर बाधा से तुम लड़ जाओ || सदाचार अपनाकर नित आगे बढ़ते जाओ | […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।