क्या कोरोना वायरस ने लाॅकडाउन में लेखन को दिया नया आयाम?

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    इसमें कोई संदेह नहीं है कि कोरोना वायरस ने लाॅकडाउन में लेखन को नया आयाम दिया है। क्योंकि पूरा दिन और रात खाली बैठने से लोग तरह-तरह के व्यंजन, हस्तकला, झाड़ू-पोछा इत्यादि लगाने से पीछे नहीं हटे। फिल्में भी इतनी देखना संभव नहीं था। फिर करें तो क्या करें? प्रश्र गंभीर है।
  अब जब उपरोक्त कर्म करने से पुरुष पीछे नहीं हटे तो लेखनकला की तो बात ही कुछ और है। आमों के आम और गुठलियों के दाम वाली कहावत पूर्णतः चरितार्थ हो रही है। चूंकि एक तो लेखन से समय कट जाएगा दूसरा लेखक होने पर गौरवान्वित महसूस होगा।चार लोग जानने भी लगेंगे। इसके अलावा लेखनकला से अपने मन की बात दूसरों तक पहुंचाने का एक महत्वपूर्ण माध्यम भी है। जिससे प्रशासन की नींद उड़ाई जा सकती है और राष्ट्रभक्ति अलग हो जाती है। इससे भी अधिक बल उस समय मिलता है, जब मातृभाषा में लिखने पर मातृभाषा सेवक और राष्ट्रीय भाषा लिखने पर राष्ट्र स्तर पर ख्याति प्राप्त होती है। जिसकी लालसा प्रत्येक मानव में होती है। यूं भी मन की बात करने के लिए हम प्रधानमंत्री तो बनने से रहे।
  उल्लेखनीय यह भी है कि हमें माता सरस्वती की सेवा का अवसर भी मिलेगा और कृपा भी प्राप्त होगी।
 अतः कोरोना वायरस ने लाॅकडाउन में लेखन को अत्याधिक नया आयाम दिया है।

इंदु भूषण बाली

matruadmin

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।