नफ़रतों के अँधियारे को,
आज हमें मिटाना है ।
नेकियों की राहों पर ,
प्रेम-दीप जलाना है ।।
भुलाकर रंजिशें यहाँ ,
सबको गले लगाना है ।
प्यार के पैग़ाम को ,
दुनिया में फैलाना है ।।
#वासीफ काजी
परिचय : इंदौर में इकबाल कालोनी में निवासरत वासीफ पिता स्व.बदरुद्दीन काजी ने हिन्दी में स्नातकोत्तर किया है,इसलिए लेखन में हुनरमंद हैं। साथ ही एमएससी और अँग्रेजी साहित्य में भी एमए किया हुआ है। आप वर्तमान में कालेज में बतौर व्याख्याता कार्यरत हैं। आप स्वतंत्र लेखन के ज़रिए निरंतर सक्रिय हैं।
बहुत खूब – सच कहा प्रेम दीप जलाना है ।