वह शक्ति दो हे,! कृपा निधे जो कोरोना को मात दे पाए।
जो दीन दुखी है इस जग में उनकी हम मदद कर पाए।।
जो पहुंच न सके श्रमिक अपने घर,उनको उनके घर पहुंचाये।
जो बिलख रहे हैं भूख प्यास से,
उनकी खाने की व्यवस्था कराए।।
प्रभु तुम हो अन्तर्यामी,पता है तुमको जग में क्यो हो रहा ।
मौतो का अंबार लगा है,दफनाने का कोई स्थान न रहा।।
चारो तरफ हाहाकार मचा है,कोरोना सब को है मार रहा।
घर में सब बन्द है, डर के मारे कोई बाहर न निकल रहा।।
प्रभु तुम तो शक्तिशाली हो,मानव इसके आगे बेकार हुआ।
लगे हैं वैज्ञानिक वैक्सीन की खोज में,पर कोई न सफल हुआ।।
रस्तोगी भी करता है हाथ जोड़कर विनती, मानव का उद्धार करो।
मनुष्य तो पापो को पुतला,अब तो तुम इसको माफ करो।।
आर के रस्तोगी
गुरुग्राम