सूख जाएगा इक दिन पानी,
करते रहे अगर तुम मनमानी।
इसको बचाओ,मान लो भाई,
‘जल है जीवन’ जान लो भाई।
जल सबकी प्यास बुझाता है,
फसलों को भी चमकाता है।
इसकी महत्ता का ज्ञान लो भाई,
‘जल है जीवन’ जान लो भाई।
जल पर आधारित हैं सभी उद्योग,
साफ-सफाई में है इसका प्रयोग।
कीमत इसकी पहचान लो भाई,
‘जल है जीवन’ जान लो भाई।
सब जीवों का जीवन है इससे,
सबके घर में आंगन है इससे।
इसको बचाने की ठान लो भाई,
‘जल है जीवन’ जान लो भाई।
सूखी धरा पर जब आता है,
अमृत प्रेम सरस बरसाता है।
इसकी महिमा का भान लो भाई,
‘जल है जीवन’ जान लो भाई।
व्यर्थ करो न जल को तुम,
पछताओगे कल को तुम।
जरुरत पर ही काम लो भाई,
‘जल है जीवन’ जान लो भाई।
उस दिन क्या हमारी अवस्था होगी,
जिस दिन न पानी की व्यवस्था होगी।
उस दिन का अनुमान लो भाई,
‘जल है जीवन’ जान लो भाई।
परिचय : उत्तर प्रदेश के जिला महाराजगंज स्थित सिसवा में अनुराग कुमार रहते हैंl आपको कविताएं लिखना बहुत पसंद हैl