महात्मा गांधी साहित्य मंच कवि सम्मेलन

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साबरमती के संत एवम् कलम के सम्राट महात्मा गांधी जी की 150 वी जन्म जयंती उत्सव पर आज प्रथम कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया |*

गुजरात के गांधी नगर मे प्रथम ऑन लाइन कवि सम्मेलन हुआ :

जब कलम चलती है तो नोवेल कोरोना की परवाह नहीं करती |

लोक डाउन तो क्या चीज है, वह तो कर्फ्यू से भी नहीं डरती||

कोरोना लोक डाउन की परिस्थिति में सामाजिक दूरी बनाए रखते हुए डीजीटल मीडिया का बेहतरीन उपयोग करके गांधी नगर महानगर गुजरात में हिंदी गुजराती कवि लेखक अनुवादक और नशा मुक्ति अभियान प्रणेता ब्रेस्ट कैंसर अवेर्नेस प्रोग्राम आयोजक, इंडियन लायंस गांधी नगर तथा भूत पूर्व ऑफिस सुपरिटेंडेंट जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक ऑफिस अहमदाबाद ने “महात्मा गांधी साहित्य मंच” ऑन लाइन शरू किया गया है और प्रथम सप्ताह में ही दिनांक 26 अप्रैल 2020 को “महात्मा गांधी” विषय में कवि सम्मेलन आयोजित किया गया था, जिस में देश मे से करीब 25 कविता प्राप्त हुई थी, उस पर प्रतिक्रिया व्यक्त हुई थी, और कार्य क्रम में प्रतिभागी सभी को “सम्मान पत्र” से सम्मानित किया गया है,उस कार्य क्रम में श्री गोरखनाथ अध्यापक महाराष्ट्र, उपाध्यक्ष और अतिथि के रूप में सेवा देने का सौभाग्य मुझे प्राप्त हुआ | इसके लिए मैं महात्मा गांधी साहित्य मंच के आयोजक मण्डल का कृतघ्न हूंँ| मैं रमेश मूलवानी ईस अवसर पर अभिनव आयोजन के लिए “महात्मा गांधी साहित्य मंच” के आयोजक मण्डल को बहुत बहुत बधाई देता हूँ और ऐसा ही कार्यक्रम का आयोजन होता रहे ऐसी कामना करता हूँ|

हर पत्थर चमकदार नहीं होते
हर फूल खुश्बुदार नहीं होते
यूँ तो ढेर सारे साहित्यिक मंच है ईस जहाँ में
मगर हर मंच महात्मा गांधी साहित्य मंच नहीं होते|

        125 से अधिक बार राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सन्मानित एवम देश के प्रधान मंत्री नरेंद्र भाई मोदीजी तत्कालीन मुख्य मंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा गांधीजी की जन्म भूमि पर सम्मानित  साहित्यकार और सामाजिक कार्यकर्ता  *डॉ गुलाब चंद पटेल* को लाजवाब आयोजन एवम प्रस्तुति के लिए पुनः हार्दिक बधाई|

कलम का सिपाही
रमेश मूलवानी

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।