है अभिमान हमें
अपनी गौरवगाथा पर
वीरों की वीरता पर
समृद्ध विवेकशीलता पर।
है अभिमान हमें
अपनी मातृभूमि पर
अपनी भाईचारे पर
अपनी एकता पर।
है अभिमान हमें
अपने शास्त्रो पर
वेद पुराणो पर
गीता और रामायण पर
है अभिमान हमें
अपनी संस्कृति पर
अपनी सभ्यता पर
अपनी संविधान पर।
है अभिलाषा हमें कि बनी रहे
राष्ट्र का गौरव महत्वपूर्ण
और दौडता रहे लहू बनकर
हमारे अंग अंग सम्पूर्ण।
“आशुतोष”
नाम। – आशुतोष कुमार
साहित्यक उपनाम – आशुतोष
पटना ( बिहार)
कार्यक्षेत्र – जाॅब
शिक्षा – ऑनर्स अर्थशास्त्र
प्रकाशन – नगण्य
सम्मान। – नगण्य
अन्य उलब्धि – कभ्प्यूटर आपरेटर
टीवी टेक्नीशियन
लेखन का उद्द्श्य – सामाजिक जागृति