कौन कहता है महिलाएं कमजोर हैं यह तो सिर्फ हमारी सोच है ,जिनसे हमें शिकायत है वह कहते हैं घर में सभी बराबर हैं वह स्वयं को कमजोर क्यों समझती है ?बिल्कुल ठीक कहते हैं। अपना सम्मान करना हम नहीं जानते और अपेक्षा करते हैं उनसे जिन्हे कभी ये महसूस ही नहीं हुआ, तो निकलिए उस सोच से जो आपको कमजोर बनाती है आपकी क्षमताओं का दहन करती है
आप स्वयं का सम्मान कीजिए , देखिए कौन आपका सम्मान नहीं करता है, जिस दिन महिलाएं , एक दूसरे का सम्मान करेंगी और एकजुट होकर अपने समस्याओं का हल ढूंढेंगी उस दिन महिला सशक्तिकरण मनाने की कोई आवश्यकता नहीं होगी यह कार्य इतना कठिन भी नहीं है सिर्फ हमें अपनी सोच बदलना होगी और गर्व करना होगा अपने महिला होने पर ।
सृष्टि की जननी कमजोर कैसे हो सकती है आप स्वयं विचार करें। स्त्री पुरुष दोनों अलग-अलग प्रकृति के होते हैं वह मानते तो है पर कह नहीं सकते यह समझने की सामर्थ तो हम महिलाओं में ही है फिर कैसी शिकायत? उठिए और अपना आत्मविश्वास बढ़ाइए अपने निर्णय स्वयं लीजिए अपने जीवन साथी के सामंजस्य के साथ।
आप घर को स्वर्ग बनाएंगी तो देश तो सोने की चिड़िया बन ही जाएगा क्योंकि आप सृजन और संस्कार की जननी भी तो है
सभी को मेरी शुभकामनाएं
#मीना गोदरे
परिचय : स्थाई रुप से इंदौर में निवासरत मीना गोदरे लेखन में लम्बे समय से ‘अवनि’ उपनाम से सक्रिय हैं। आपकी जन्मतिथि-११-अक्टूबर १९५६ एवं जन्म स्थान-सागर (म.प्र.) है। शिक्षा-एम.ए.(अर्थशास्त्र),संस्कृत इन डिप्लोमा एवं एनसीसी(क्रेडिट कोर्स)है। आपने धार्मिक शिक्षा में प्रथम भाग से रत्नकरंड श्रावकाचार एवं मोक्ष मार्ग तक की विधिवत परीक्षाएं उत्तीर्ण की है। अन्य शास्त्रों का भी अध्ययन किया है।कार्यक्षेत्र-इंदौर शहर ही है। सामाजिक क्षेत्र में आप रोटरी क्लब (सागर) सहित अ.भा. दिगंबर जैन महिला परिषद और सद्भावना महिला मंडल से जुड़ी रही हैं तो वर्तमान में भी प्रांतीय पदाधिकारी हैं। कुछ प्रकाशन पत्रिकाओं में सहयोगी के रुप में भी जुड़ी हुई हैं। आपकी विधा-गीत, गज़ल,कविता,कहानी,लेख, निबंध,लघुकथा और व्यंग्य है। आप ब्लॉग पर भी सक्रिय हैं। प्रकाशन में आपके नाम भक्ति गीत संग्रह-आस्था के पुंज,काव्य संग्रह ‘समुद्र के सीप’ सहित दो ग़ज़ल संग्रह,दो कहानी संग्रह एक काव्य संग्रह,दोहावली और निबंध संग्रह आदि है। कई पत्र-पत्रिकाओं में रचनाओं का प्रकाशन हो चुका है। आपकॊ सम्मान में शब्द शिल्पी सम्मान,भाषा सम्मान,हिंदी साहित्य सम्मान,भारत की सर्वश्रेष्ठ कवियित्री सम्मान, काव्य श्री सम्मान सहित हिंदी सेवा सम्मान, साहित्य सेवा सम्मान आदि मिले हैं।आकाशवाणी(सागर,छतरपुर व इंदौर)से १८ वर्षों से रचनाओं का प्रसारण हो रहा है तो दूरदर्शन(भोपाल)पर भी काव्य पाठ किया है। आपको कई सामाजिक संस्थाओं में २५ वर्ष से सभी पदों पर कार्यरत रहते हुए सर्वश्रेष्ठ अध्यक्ष सहित अन्य पुरस्कार एवं कनाडा से बेस्ट एम्यूनाइजेशन का भी पुरस्कार मिला है। आप ड्रेस डिजायनिंग के साथ ही हेन्डीक्राफ्ट आदि में भी कुशल हैं। आपके लेखन का उद्देश्य-प्रेरणा देना,सामाजिक विघटन- रुढ़ियों को दूर करना, सकारात्मक विचारधारा द्वारा जीवन और विकास को नई दिशा देना तथा देश व समाजहित में योगदान देना है।