
नींद आती नही,
चैन पाते नही ।
फिर भी तड़पने से,
बाज आते नही।
दृष्टिकोण अपना
थोड़ा बदल लो।
कुछ तो जैनधर्म का,
अनुसरण करो।
खुद जिओ औरों को
भी जीने दो।
महावीर का ये संदेश,
जीवन में अमल करो।
छोड़कर हिंसा को,
अहिंसा पर चलो।
और जिंदगी को अपनी,
सफल बना लो।।
दूसरे की लोकप्रियता से,
तुम मत जलो।
बने जहां तक,
औरों की मदद करो।
और इंसानियत को,
जिंदा दिल में रखो।
अपने कर्तव्यों से मुँह
कभी मत फेरो।
जिंदगी की हकीकत को समझो।
और फर्ज ईमान का निभाते चलो।
दिलों में प्यार जागते चलो।
प्यार की दुनियां बसते चलो।
और इंसानियत को,
इंसान में जिंदा रखो।।
#संजय जैन
परिचय : संजय जैन वर्तमान में मुम्बई में कार्यरत हैं पर रहने वाले बीना (मध्यप्रदेश) के ही हैं। करीब 24 वर्ष से बम्बई में पब्लिक लिमिटेड कंपनी में मैनेजर के पद पर कार्यरत श्री जैन शौक से लेखन में सक्रिय हैं और इनकी रचनाएं बहुत सारे अखबारों-पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहती हैं।ये अपनी लेखनी का जौहर कई मंचों पर भी दिखा चुके हैं। इसी प्रतिभा से कई सामाजिक संस्थाओं द्वारा इन्हें सम्मानित किया जा चुका है। मुम्बई के नवभारत टाईम्स में ब्लॉग भी लिखते हैं। मास्टर ऑफ़ कॉमर्स की शैक्षणिक योग्यता रखने वाले संजय जैन कॊ लेख,कविताएं और गीत आदि लिखने का बहुत शौक है,जबकि लिखने-पढ़ने के ज़रिए सामाजिक गतिविधियों में भी हमेशा सक्रिय रहते हैं।