गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रभावना से ओतप्रोत रहा कवि-सम्मेलन

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गोंदिया।

साहित्य सत्संग मंडल कटंगीकला,गोंदिया ने गणतंत्र दिवस निमित्त ऐ मेरे वतन के लोगों शीर्षक के अंतर्गत ग्रामीण बैंक भवन हाल में राष्ट्रीय भावनाओं से ओतप्रोत कविसम्मेलन का शानदार आयोजन किया जिसमें आमंत्रित कवियों नेअपनी विभिन्न रसों की रचनाएँ सुनाकर रसिक श्रोताओं को देशप्रेम का संदेश दिया। अध्यक्षता श्री धन्नालाल नागरीकर अध्यक्ष साहित्य सत्संग मंडल ने की। बतौर प्रमुख अतिथि श्री आनंदराव कृपाण संस्था उपाध्यक्ष उपस्थित थे।सर्वप्रथम माँ सरस्वती के छायाचित्र का अतिथियों व कवियों द्वारा पूजन, दीप प्रज्जवलन किया गया।उपाध्यक्ष श्री कारंजेकर गुरूजी ने स्वागत गीत व संरक्षक प्रभुलाल शेंडे, नियंत्रक रामकुमार चौबे, कोषाध्यक्ष यादोराव राहांगडाले, संयोजक राजू लांजेवार, महिला संगठक श्रीमती मीनाबेन राठोड़, उपसंगठक श्रीमती कौशल मस्करे, श्रीमती सुषमा गुप्ता,प्रो अतुल गुप्ता ने अध्यक्ष,अतिथि व कविगणों का कुंकुम तिलक व पुष्पगुच्छ से स्वागत किया।वरिष्ठ कवि गीतकार श्री शशि तिवारी ने मधुर स्वर में माँ शारदा की वंदना कर कविसम्मेलन का शुभारंभ किया। अन्य कवियों में सर्वश्री नरेश आर गुप्ता,छंद विधा के सशक्त युवा कवि निखिलेशसिंह यादव,डाॅ प्रणव डोंगरे,प्रा चिरंजीव बिसेन, कवयित्री डाॅ नूरजहाँ पठान,व्यंग्यकार मनोज बोरकर मुसव्विर,वरिष्ठ कवि प्रकाश मिश्रा,ओजस्वी कवि किसन लाल,कवयित्री श्रीमती किंजल मेहता, विशेष आमंत्रित कवि हेमंत मोहारे आमगाँव, रूपचंद जुम्हारे भानेगाँव,अखिल भारतीय मंचों की प्रख्यात कवयित्री सरिता सरोज,व्यंग्य एवं गीत के सशक्त हस्ताक्षर श्री शशि तिवारी व जाने पहचाने वरिष्ठ कवि छगन पंचे के गीत ग़ज़ल छंद मुक्तक ओज एवं हास्य की रचनाओं को काव्यरसिकों की खूब सराहना मिली। कविसम्मेलन का गरिमामय संचालन कवि छगन पंचे छगन ने किया।अध्यक्षीय संबोधन में श्री नागरीकर ने कवियों को समाज व देश के लिए मार्गदर्शक बतलाते हुए कविताएँ मनोरंजन के साथ विसंगतियों को उजागर भी करती हैं ऐसे उद्गार व्यक्त किये व आयोजकों को आयोजन के लिए धन्यवाद दिया।

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।