वक्त

1 0
Read Time1 Minute, 1 Second

वक्त कैसे गुजर गया पता ही नहीं चला,
मिट्टी के घरोंदे के बंटवारे की लड़ाई में कब घर को बांट लिया पता ही नहीं चला,
पगडंडी पर चलते चलते न जाने कब
छः लेन सड़क पर पहुंच गए पता ही नहीं चला
दादा के कंधे पर चढ़ हटखेलियां करते करते
कब पोते पोतियों को कंधे पर लेकर आगे बढ़ गए पता ही नहीं चला
भाई बहनों के साथ खाट पर सोने के झगड़े में न जाने कब
बैड पर अकेले करवटें लेने लगे पता ही नहीं चला
मां बापू की सेवा करने में इतना मशगूल रहा
न जाने कब मैं वृद्ध एकांत वास पहुंच गए पता ही नहीं चला
इक्की,दूग्गी,पंजी को पाने की चाहत में
करोड़ों पा कर कब अरबों बटोर लिए पता ही नहीं चला
ये सब करते करते
वक्त कैसे गुजर गया पता ही नहीं चला

शुभकरण गौड़
हिसार (हरियाणा)

matruadmin

Next Post

कोरोना

Sun Apr 11 , 2021
चुनाव के समय नही कुंभ के समय आता है कोरोना नेताओं को नही श्रद्धालुओं को डराता है कोरोना कुंभ के लिए निगेटिव होना जरूरी है पोजेटिव को ही खाता है कोरोना दिन में कही घूमो नही मिलता कोरोना रात में कर्फ़्यू लगाया ताकि न आए कोरोना।#श्रीगोपाल नारसन Post Views: 184

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।