Read Time46 Second

सच की हिम्मत पा के लिख,
अपनी जिद में जा के लिख।
रक्त सभी का जाम हुआ,
अब तो आग लगा के लिख।
राणा-सा है बल तुझमें,
घास-रोटियाँ खा के लिख।
बहुत फूल बरसाए हैं,
अब तलवार उठा के लिख।
स्याही कम पड़ जाए तो,
अपना खून बहा के लिख।
देशभक्ति का ज्वार उठे,
ऐसे स्वर में गा के लिख।
मूक-बधिर यदि लोग यहाँ,
तो तू आज़ धमाके लिख।
#देवेन्द्र प्रताप सिंह ‘आग’
परिचय : युवा कवि देवेन्द्र प्रताप सिंह ‘आग’ ग्राम जहानाबाद(जिला-इटावा)उत्तर प्रदेश में रहते हैं।
Post Views:
11

