कभी हँसाती
कभी रूलाती
यादें!
कभी सताती
खट्टे-मीठे दिन याद दिलाती
यादें!
गुजरे दिन
दु:ख या मौज में
पल-पल की फिल्म दिखाती
यादें!
खुशी हो या
हो गम
आँसू बनकर छलक जाती
यादें!
ये नटखट
बड़ी सताती
तरह-तरह के रूप दिखाती
यादें!
कभी बचपन तो
कभी पचपन की सैर कराती
यादें!
जिंदगी के साथ-साथ चलती
यादें…
#मुकेश कुमार ऋषि वर्मा
परिचय : मुकेश कुमार ऋषि वर्मा का जन्म-५ अगस्त १९९३ को हुआ हैl आपकी शिक्षा-एम.ए. हैl आपका निवास उत्तर प्रदेश के गाँव रिहावली (डाक तारौली गुर्जर-फतेहाबाद)में हैl प्रकाशन में `आजादी को खोना ना` और `संघर्ष पथ`(काव्य संग्रह) हैंl लेखन,अभिनय, पत्रकारिता तथा चित्रकारी में आपकी बहुत रूचि हैl आप सदस्य और पदाधिकारी के रूप में मीडिया सहित कई महासंघ और दल तथा साहित्य की स्थानीय अकादमी से भी जुड़े हुए हैं तो मुंबई में फिल्मस एण्ड टेलीविजन संस्थान में साझेदार भी हैंl ऐसे ही ऋषि वैदिक साहित्य पुस्तकालय का संचालन भी करते हैंl आपकी आजीविका का साधन कृषि और अन्य हैl