साहित्य संगम संस्थान दिल्ली द्वारा हिंदी साधक सम्मान से बारह हिंदी रचनाकार सम्मानित हुये

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कार्यक्रम संयोजक नवीन कुमार भट्ट नीर ने बताया कि साहित्य संगम संस्थान दिल्ली द्वारा फेसबुक पटल पर 25 अक्टूबर से 31 अक्टूबर 2019 तक “एक खत हिंदी के उत्थान पर” साहित्य संगम के नाम पत्र लिखकर कार्यक्रम को सफल बनाने वाले प्रतिभागियों को हिंदी साधक सम्मान से नवाजा गया है।ज्ञातव्य हो कि यह कार्यक्रम 13/11/2019 बुधवार को सम्मानशाला में आयोजित किया गया,इस हिंदी साधक सम्मान समारोह के मुख्य अतिथि भवानी मंडी राजस्थान के आद राजेश कुमार शर्मा पुरोहित जी राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी सा.सं.संस्थान,राष्ट्रीय अध्यक्ष आद राजवीर सिंह मंत्र जी थे।कार्यक्रम में सम्मानित मनीषियों में आद भारत भूषण जी धौनी (शुम्भेश्वरनाथ) जिला-दुमका (झारखंड),
आद प्रतीक प्रभाकर जी मगध मेडिकल कालेज गया,आद कलावती करवा जी कूच बिहार (पश्चिम बंगाल),आद ऋतु गुलाटी जी
हिसार (हरियाणा),आद फूलचंद्र विश्वकर्मा जी हलवारा (लुधियाना),आद आशुतोष त्रिपाठी जी,चंद्रदीप अंकारीपुर पो.गोसाई
गंज जिला-फैजाबाद (उत्तरप्रदेश)
आद संजय वर्मा “दृष्टि” जी मनावर जिला-धार (मध्यप्रदेश),आद सुमिता मूंधड़ा जी
मालेगांव (नासिक),आद वंदना नामदेव जी
आद राजवीर सिंह मंत्र जी कानपुर (उत्तरप्रदेश),आद ब्रजमोहन राणा “कश्यप” जी अहमदाबाद (गुजरात)नवीन कुमार भट्ट नीर ग्राम-मझगवां पो.सरसवाही जिला-उमरिया (मध्यप्रदेश)बांधवगढ़ थे जिनको आद राजेश पुरोहित जी के करकमलों से हिंदी साधक सम्मान से सम्मानित किया गया,आद पुरोहित जी सम्मान करने के उपरांत कहा कि आ.नवीन भट्ट जी हिन्दी साधक सम्मान से सम्मानित होने पर हार्दिक बधाई साथ ही आज विभिन्न राज्यों के रचनाकारों को एक मंच पर ऑनलाइन सम्मान समारोह आयोजित करने हेतु विशेष बधाई दी,आद राजवीर सिंह मंत्र राष्ट्रीय अध्यक्ष जी ने सभी को बधाई देते हुये कहा कि हिंदी साहित्य और सामान्य हिंदी का विकास तभी संभव है जब इसका कार्य करने वालों को प्रोत्साहन मिले । जबकि हिंदी पढ़ने वालों और इसका कार्य करने वालों को उपेक्षा का शिकार होना पड़ता रहा है । हम सभी का दायित्व है कि जो जिससे बन सके हिंद और हिंदी के लिए करे ।आद भारत भूषण जी ने कहा कि आदरणीय जनों का हार्दिक अभिनंदन व आदरणीय न्यायधीश महोदय जी व मंच के सभी सम्मानित सदस्यों को नमन करते हुए मैं अपने टूटे-फूटे शब्दों में हिन्दी के उत्थान के लिए प्रेषित करता हूँः-सर्वप्रथम साहित्य संगम संस्थान के तत्वाधान में चलनेवाले इस सम्मानशाला मंच को हार्दिक आभार व्यक्त करता हूँ मात्र इस सम्मान के लिए नहीं, अपितु हिन्दी के उत्थान के लिए इस महागङ्गा को प्रवाहित करने के लिए।
विशेषकर आदरणीय राजेश पुरोहित जी ,नवीन कुमार भट्ट नीर जी व राजवीर सिंह” मंत्र” जी का हार्दिक अभिनंदन करता हूँ।आदरणीय राजेश पुरोहित जी को सर्व
प्रथम बधाई देता हूँ उनके साहित्य संगम संस्थान मंच के तत्वाधान में बोली विकास मंच के लिए इस महा योगदान के लिए जो मुझे प्रतिलिपि पर पढ़ने को उपलब्ध हुई।
इस संस्थान ने मातृस्वरूपा हिन्दी की सेवा के लिए जो व्रत लिया है ,इसमें मुझे भी उपवास कर सेवा करने का सौभाग्य प्राप्त कराया इसलिए मंच का हार्दिक आभार।
विशेष क्या लिख पाऊँ,बस आदरणीय मंच को नमन व सभी सम्मानित गुणीजनों को हार्दिक बधाई दी,प्रतीक प्रभाकर जी ने कहा कि हिंदी के उत्थान में संस्थान की जितनी भी तारीफ की जाए कम है , खासकर नवोदितों के लिए जो मंच उपलब्ध कराया गया है आप सभी बधाई के पात्र है। इस संस्थान से सम्मानित होकर मैं खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहा हूँ। और आशा करता हूँ कि यूँ ही हिंदी का प्रचार प्रसार बढ़ता रहे ।आद वंदना नामदेव ने अपनी पंक्ति को बढ़ाते हुये कि जाग जाओ अब सभी,है यही अभ्यर्थना। रूह में जाकर मिले,ऐसी नई हो चेतना। हिंद के वासी हैं हम,है हमारा हिन्दोस्ता, हिंदी हमारी शान है,करते हैं नित वन्दना।
आ.राजेश पुरोहित जी,आ.अध्यक्ष राजवीर सिंह जी,आ.सम्पादक नवीन कुमार भट्ट नीर जी आप सभी श्रेष्ठजनों को कोटिशः धन्यवाद एवं सादर आभार व्यक्त करती हूं , इस सम्मान से सम्मानित करने के लिए।नमन मंच।जय हिंद जय हिंदी।,आद फूलचंद्र विश्वकर्मा ने कहा कि आदरणीय , इस प्रकार के कार्यक्रम से हिंदी की गरिमा बढ़ती है और हिंदी सेवियों का मनोबल भी।कोटिशः धन्यवाद एवं सभी हिंदी साधकों को शुभकामनाएं।,इस कार्यक्रम में उपस्थित पदाधिकारी, पत्र पत्रिकाओं के संपादक गण एवं सम्मानित विद्व जन को सादर आभार वंदन की इस कार्यक्रम को सफल बनाये आप सबके स्नेहिल व आत्मीयता को नमन हिंदी के अभ्युदय पर यह सम्मान भी नवांकुरों को नई दिशा प्रदत्त करेगा।इन्ही भावनाओं के साथ पुनः आभार वंदना

नवीन कुमार भट्ट नीर

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।