दीप जलेंगे घर – घर,हर घर जगमगायेगा।
छोटे – छोटे बच्चों से हर घर चहक जाएगा।।
ना परीक्षा की कोई तैयारी होगी,
ना स्कूल ही कोई बच्चा जाएगा।
दीवाली की छुट्टियों का अपने घर
पर हर बच्चा खूब मौज उड़ाएगा।।
हाथों में फुलझड़ियां खूब जलाएंगे।
चकरी जलाकर जोर से सब कूदेंगे,
दीवाली के उत्सव पर सब बच्चे खूब
उछल – खुद और हंगामा मचाएंगे।।
दीवाली का ये उत्सव दीपो का त्योहार है।
ईर्ष्या द्वेष मिटाकर गले लगाने का त्यौहार है।।
2 – बाल कविता – जंगल की दीवाली
दीवाली पर पिंकी चिड़िया ससुराल से मायके आयी।
चिड़िया रानी इस दीवाली तोहफ़े बहुत से लायी।।
टीटू भाई ने सुबह से दरवाजे पर नजर है लगायी।
बहन को आता देख उसके चेहरे पर मुस्कान आयी।।
सभी कर रहे मिलजुल कर दीवाली की सुंदर तैयारी।
जंगल मे साथियों की है रौशनी लगाने की तैयारी।।
सारा जंगल जगमगाएगा,सभी मिलकर धूम मचाएंगे।
एक दूसरे को फिर गले लगाकर दीवाली को मनाएंगे।।
#नीरज त्यागी
ग़ाज़ियाबाद ( उत्तर प्रदेश )