नशा जो किया
फिरे भीख मांगता
घर बर्वाद |
रिश्वतखोरी
भरे घड़ा पाप का
ड़र काल से |
मारे उबाल
भारत में अब भी
व्यक्ति की जात |
वो जी रहे हैं
शोषण सहकर
भूख मारके |
कैसा विकास
गरीब हाशिए पे
गाँव निराश |
नोट खाकर
श्रीमान् मालामाल
जन बेहाल |
देश के नेता
जहर उगलते
राज करते |
चारों तरफ
मचा है हाहाकार
जन लाचार |
धुआँ निकला
आज चूल्हा सुलगा
रोटी गरीब |
ईमानदारी
अब कहीं न दिखे
फले बेमानी |
#मुकेश कुमार ऋषि वर्मा
परिचय : मुकेश कुमार ऋषि वर्मा का जन्म-५ अगस्त १९९३ को हुआ हैl आपकी शिक्षा-एम.ए. हैl आपका निवास उत्तर प्रदेश के गाँव रिहावली (डाक तारौली गुर्जर-फतेहाबाद)में हैl प्रकाशन में `आजादी को खोना ना` और `संघर्ष पथ`(काव्य संग्रह) हैंl लेखन,अभिनय, पत्रकारिता तथा चित्रकारी में आपकी बहुत रूचि हैl आप सदस्य और पदाधिकारी के रूप में मीडिया सहित कई महासंघ और दल तथा साहित्य की स्थानीय अकादमी से भी जुड़े हुए हैं तो मुंबई में फिल्मस एण्ड टेलीविजन संस्थान में साझेदार भी हैंl ऐसे ही ऋषि वैदिक साहित्य पुस्तकालय का संचालन भी करते हैंl आपकी आजीविका का साधन कृषि और अन्य हैl