कुर्बानी दी जिन वीरो ने,इस कश्मीर की सुंदर घाटी में |
नमन करता हूँ उन वीरो को,जो मिल गये इस माटी में ||
छोडो गद्दारों इस घाटी को,अब तुम्हारी यहाँ खैर नहीं |
सत्तर साल तुमने सताया,गद्दारों को यहाँ जगह नहीं ||
हट गयी धारा 370,अब मक्कारों की कोई खैर नहीं |
जो अपने देश का न हुआ,उनकी यहाँ कोई खैर नहीं ||
अब कश्मीर की घाटी में,सब चैन की नींद सोयेंगे |
जो देश को मिटाना चाहते थे,अब बैठ कर रोयेंगे ||
आज ख़ुशी के मौके पर,सब ईद दिवाली मना रहे |
धर्म-जाति को भुलाकर,सब खूब पटाखे छुड़ा रहे ||
दी शहादत जिन वीरो ने,इस घाटी में उनको पूजेंगे |
इस कश्मीर की घाटी में,अब श्री राम के नारे पूजेंगे ||
“एक देश एक ही झंडा”,ये राष्ट वादी अब नारा है |
“सबको है समान अधिकार”,ये सविंधान का नारा है ||
अब होगा घाटी का विकास,फिर से अब ये महकेगी |
डर के साये में जी रही थी,अब फिर से ये चहकेगी ||
मिलेगा रोजगार नौजवानों को,जो नेताओ ने बहकाये थे |
देकर पत्थर उनके हाथो में,उनको बेरोजगार बनवाये थे ||
छिपे हुये है जो आंतकवादी,अब घाटी से डरकर भाग रहे |
कैसे वे अपनी जान बचाये,उनके आका भी नहीं सुझा रहे ||
आर के रस्तोगी
गुरुग्राम (हरियाणा)