मेरे दिल से अब वो सनम उतर गया
जो तन्हा दिल छोड़ कर यूँ शहर गया
मुहब्बत में सफर जारी रहा उम्र भर
यूँ सारी राते अब तेरे बिन गुज़र गया
जूठ,फरेब रहा सदा दिल में भरा उसके
देख दिल तोड़ के मेरा किस सफर गया
यूँ तो वो भी बेवफ़ा सनम है फिर भी
देख तेरी याद में कोई हद से गुज़र गया
रात दिन मुझसे ही सवालों जवाब रहे
देख ले पानी मेरे आज सर से गुजर गया
रफ़ू करेंगे बेबसी को,सको को बंया करेगे
वो सितमगर देके दर्द अब किस नगर गया
अधूरी रही ख्वाईश,वो अधूरी रही याद तेरी
करके अधूरा वो “आकिब”किस डगर गया।।
परिचय :
नाम-. मो.आकिब जावेदसाहित्यिक उपनाम-आकिबवर्तमान पता-बाँदा उत्तर प्रदेशराज्य-उत्तर प्रदेशशहर-बाँदाशिक्षा-BCA,MA,BTCकार्यक्षेत्र-शिक्षक,सामाजिक कार्यकर्ता,ब्लॉगर,कवि,लेखकविधा -कविता,श्रंगार रस,मुक्तक,ग़ज़ल,हाइकु, लघु कहानीलेखन का उद्देश्य-समाज में अपनी बात को रचनाओं के माध्यम से रखना