भुवनेश्वर के मंदिर अपनी स्थापत्य कला और वास्तु वैभव के लिए दुनिया भर में जाने जाते हैं। इस पुण्यभूमि पर स्थित लिंगराज मंदिर, परशुरामेश्वर मंदिर और मुक्तेश्वर मंदिर के दर्शन के बाद हमें केदार गौरी मंदिर के दर्शन का भी सौभाग्य प्राप्त हुआ। भुवनेश्वर के आठ अष्टशंभू मंदिरों में से […]

शहरी कोलाहल से दूर शांतिनिकेतन के हरे भरे परिसर में आकर व्यक्ति का प्रकृति के साथ सीधा संवाद स्थापित हो जाता है…सांसारिक भाव कहीं लुप्त होने लगता है…प्रतिक्षण आसपास एक नैसर्गिक संगीत सुनाई देता है…विचारों के अंकुर भी यहां अनायास फूटने लगते हैं… इस वातावरण में आकर मेरे मन में […]

डा. स्वयंभू शलभ की चर्चित किताब ‘कोई एक आशियाँ’ ईबुक के रूप में एप्प पर भी उपलब्ध हो गई है। इस किताब का यह छठा ऑनलाइन स्टोर है। विदित है कि डा. शलभ की यह पाँचवी किताब पिछले वर्ष अमेजॉन एवं एडूक्रिएशन पब्लिशिंग द्वारा प्रकाशित हुई जिसे अमेजॉन, बुक्सकैमेल और […]

मतदान कीजिये… बेहतर और मजबूत लोकतंत्र के निर्माण लिए अपने क्षेत्र और देश के सर्वांगीण विकास के लिए उस सपने को साकार करने के लिए जिसे आपने वर्षों से संजोया है चुनिए… मजबूत संकल्प शक्ति रखनेवाले उम्मीदवार को जो संसद में आपकी आवाज बन सके आपकी उम्मीदों पर खरा उतर […]

चलिये नव वर्ष के मौके पर चंपारण के गौरवशाली इतिहास को याद करते हुए थोड़ा चिंतन करें कि विकास के इस दौर में आजादी के 71 वर्ष बाद भी हमारे सीमाई शहर रक्सौल का हाल क्या है और हम कहां हैं… आज हमें यह समझना भी जरूरी है कि विकास […]

हिंदुत्व का अलख जगानेवाले, नेपाल में ‘हिन्दू स्वयंसेवक संघ’ के संस्थापक, प्रमुख समाजसेवी श्रद्धेय मोहनलाल राजपाल के निधन पर डा. स्वयंभू शलभ ने अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए दिवंगत आत्मा को नमन किया। उनके जीवन और कार्यों के बारे में बताते हुए डा. शलभ ने कहा कि स्व. राजपाल ने […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।