आँसू

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geeta gupta man
नैनों के कोरो तक आये
ये मोती न ढलने पाये
पीड़ा का मौसम आया है
पर पुष्प नहीं खिलने पाये।
पाषाढ़ बना लो उर को स्वयं
हारना कभी न सीखा है
न अश्रु कभी मग को रोके
इतनी ही सीमा रेखा है।
कमजोर नहीं लाचार नही
बना रखो विश्वास प्रबल
कोई भी साथ नही दे जब
स्वयं बनो खुद का संबल।
बहने देना इनको तब ही
अपनी शर्तो पर राजी हो
खुशियों की शहनाई बजा
जब उर में कुसुमित वादी हो।
अनुपम  श्रृंगार है आँखों का
यूँ ही व्यर्थ नही इनको गहना
कारण बन जाये जो इनका
प्रश्न बनें उनका जीवित  रहना
नाम- गीता गुप्ता 
साहित्यिक उपनाम-मन
वर्तमान पता-सिनेमा रोड, हरदोई
राज्य-उत्तरप्रदेश
शहर- उन्नाव
शिक्षा-परास्नातक,बी एड,
कार्यक्षेत्र- हरदोई
विधा – गीत, ग़ज़ल, हाइकु ,पिरामिड, तांका,क्षणिका,
प्रकाशन- विभिन्न समाचारपत्रों और पत्रिकाओं में  प्रकाशन
सम्मान- विभिन्न साहित्यिक  समूहों से प्राप्त सम्मान
लेखन का उद्देश्य- स्वांत सुखाय, मातृभाषा की सेवा

matruadmin

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।