संजय अश्कपुलपुट्टा,बालाघाट
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इतनी मस्जिदें इतने भगवान क्यूं हैं
जीवन से लोग इतने परेशान क्यूं हैं।
सभी कहते है प्रेम से बडके कुछ नही
तो फिर बाईबल,गीता,कुरान क्यूं हैं।
….
ईमान का चल रहा व्यापार यहां पर
बिके हुये है हरेक अखबार यहां पर।
जो बातें करते है सच और उसुलों की
उनके झूठ के देखे है बाजार यहां पर।
…..
कोई हिन्दु यहां तो कोई मुसलमान है
जात-पात मे बटा पुरा हिन्दुस्तान है।
हर कोई लुट रहा चमन अपने हिसाब से
कोई शरीफ नही हर कोई बेईमान है।
….
कानून को अब खोटा कहने लगे है लोग
वर्दी को गुंडे का मुखौटा कहने लगे है लोग।
जब नोटो के लिये इंसाफ को नाचते देखा
तब जाकर कोर्ट को कोठा कहने लगे है लोग।
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